Basant Panchami 2025 वसंत पंचमी पर कामदेव रति पूजा से विवाह बाधा दूर

वसंत पंचमी का महत्व

वसंत पंचमी का पर्व प्रकृति के नवजीवन और देवी सरस्वती की कृपा का प्रतीक है। किंतु क्या आप जानते हैं कि इस दिन कामदेव और रति की पूजा करने से विवाह संबंधी समस्त बाधाएं दूर होती हैं? 2025 में 2 फरवरी को मनाए जाने वाले इस पावन पर्व पर जानिए कैसे प्रेम और सुहाग के इन देवता आपके जीवन में सुखद परिवर्तन ला सकते हैं।

कामदेव-रति पूजा का वैदिक आधार

पौराणिक कथा

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव के तप को भंग करने के लिए कामदेव ने प्रयास किया था, जिसके फलस्वरूप शिवजी ने उन्हें भस्म कर दिया। बाद में, रति के तप से प्रसन्न होकर शिवजी ने कामदेव को पुनर्जीवित किया। इसी कारण वसंत पंचमी को कामदेव-रति के पुनर्मिलन का दिन माना जाता है।

मंत्र विज्ञान

  • मूल मंत्र: “ॐ कामदेवाय विद्महे, पुष्पवाणाय धीमहि, तन्नो अनंगः प्रचोदयात्”
  • रति मंत्र: “ॐ रत्यै नमः” 108 बार जपें

विवाह बाधा दूर करने की विधि

पूजा सामग्री

  • लाल या गुलाबी वस्त्र
  • गुलाब, अशोक या आम के पुष्प
  • चंदन, केसर और इत्र
  • मिष्ठान (खीर या मालपुआ)

विशेष पूजन विधि

प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर लाल आसन पर बैठें। कामदेव-रति की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पांच प्रकार के फूलों से अर्घ्य दें और निम्न प्रार्थना करें:

“हे प्रेमदेव कामदेव, हे माधुर्य की देवी रति, हमारे विवाह संबंधी सभी संकटों को दूर कर प्रेममय जीवन प्रदान करें।”

विशेष उपाय एवं टोटके

विवाह योग बनाने हेतु

  • वसंत पंचमी की रात्रि में गुलाब के 21 पुष्प तांबे के पात्र में जल प्रवाहित करें
  • हल्दी की गांठ पर “ॐ नमः शिवाय” लिखकर पूजा स्थल पर रखें

कुंडली दोष शांति

यदि जन्मकुंडली में मंगल दोष या शनि की साढ़ेसाती विवाह में बाधक हो तो इस दिन केसर से हनुमान चालीसा लिखकर भगवान शिव को अर्पण करें।

सफलता के लिए ध्यान रखें ये बातें

  • पूजा के समय क्रोध या नकारात्मक विचार पूर्णतः त्याग दें
  • पीले या गुलाबी वस्त्र धारण करें
  • ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए पूजन करें

निष्कर्ष: वसंत का आशीर्वाद

वसंत पंचमी का यह पावन अवसर न केवल ज्ञान बल्कि प्रेम और दाम्पत्य सुख का भी पर्व है। 2025 में इस दिन कामदेव-रति की विधिवत पूजा कर आप वैवाहिक जीवन की सभी अड़चनों को दूर कर सकते हैं। याद रखें, सच्ची भक्ति और श्रद्धा से की गई प्रार्थना सदैव फलित होती है।

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