14 अप्रैल को सहरी और इफ्तार का समय
रमजान का पवित्र महीना मुस्लिम समुदाय के लिए आस्था, इबादत और संयम का समय होता है। यह वह महीना है जब रोजेदार सूर्योदय से सूर्यास्त तक न केवल भोजन-पानी से बल्कि हर बुराई से दूर रहकर अल्लाह की इबादत में लीन रहते हैं। 14 अप्रैल 2025 को रमजान के इस पवित्र महीने में सहरी और इफ्तार के सही समय का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। आइए जानते हैं इस दिन के रोजे का समय और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां।
14 अप्रैल 2025 को सहरी और इफ्तार का समय
14 अप्रैल 2025, सोमवार को रमजान का चौथा रोजा होगा। इस दिन के लिए सहरी और इफ्तार का समय निम्नलिखित है:
- सहरी का समय: सुबह 04:45 बजे तक (समय स्थान के अनुसार भिन्न हो सकता है)
- इफ्तार का समय: शाम 06:32 बजे (सूर्यास्त के साथ)
- रोजे की अवधि: लगभग 14 घंटे 47 मिनट
महत्वपूर्ण नोट
सहरी का समय फज्र की अजान से पहले तक होता है, जबकि इफ्तार मगरिब की अजान के साथ शुरू होता है। अपने स्थानीय मस्जिद या विश्वसनीय इस्लामिक कैलेंडर से समय की पुष्टि अवश्य करें।
रमजान में सहरी और इफ्तार का महत्व
सहरी: ऊर्जा का स्रोत
सहरी रोजेदारों के लिए एक आशीर्वाद है। पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) ने कहा है: “सहरी करो, क्योंकि सहरी में बरकत होती है।” (बुखारी)
- सहरी में पोषक आहार लेना चाहिए जो दिनभर ऊर्जा दे।
- खजूर, दही, ओट्स और फलों को प्राथमिकता दें।
- अधिक नमक या तला भोजन न लें, इससे प्यास बढ़ सकती है।
इफ्तार: आभार और आनंद का क्षण
इफ्तार का समय अल्लाह के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का होता है। पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) खजूर और पानी से इफ्तार करने की सलाह देते थे।
- इफ्तार में जल्दबाजी न करें, पहले दुआ करें।
- हल्का भोजन लें और धीरे-धीरे खाएं।
- अत्यधिक मीठा या तला भोजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
रमजान 2025 के लिए स्वास्थ्य सुझाव
रोजे के दौरान स्वस्थ रहने के उपाय
- हाइड्रेशन: सहरी में अधिक से अधिक पानी पिएं। नारियल पानी या छाछ भी ले सकते हैं।
- संतुलित आहार: प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर युक्त भोजन लें।
- व्यायाम: हल्की सैर या योग करें, लेकिन धूप में ज्यादा न निकलें।
इफ्तार के बाद की देखभाल
- तरबूज, खीरा जैसे फलों से पानी की कमी पूरी करें।
- तरावीह की नमाज से पहले हल्का भोजन करें।
- रात को सोने से पहले हल्का नाश्ता ले सकते हैं।
14 अप्रैल के विशेष दुआएं और इबादत
रमजान के इस पवित्र दिन पर निम्नलिखित दुआएं पढ़ सकते हैं:
- सहरी की दुआ: “वा बिसौमी अग्शतु लिल्लाहि तआला अम्मा अदा वा अम्मा अब्ताला”
- इफ्तार की दुआ: “अल्लाहुम्मा लका सुम्तु वा अला रिज्क़िका अफ्तरतु”
इस दिन की विशेषता
14 अप्रैल को रमजान का चौथा दिन होगा। इस दिन कुरआन का अधिक से अधिक पाठ करें और दान का विशेष महत्व है। गरीबों को इफ्तार कराना सवाब का काम माना जाता है।
14 अप्रैल 2025 को रमजान के चौथे रोजे में सहरी 04:45 बजे तक और इफ्तार 06:32 बजे होगा। यह पूरा महीना इबादत, संयम और दान का है। सही समय पर सहरी और इफ्तार करके हम इस पवित्र महीने का पूरा लाभ उठा सकते हैं। अल्लाह हम सभी के रोजे कुबूल करे और हमें सच्चे दिल से इबादत करने की तौफीक दे। आमीन!
नोट: उपरोक्त समय सामान्य अनुमान पर आधारित है। अपने शहर के स्थानीय समय की जांच अवश्य करें।
