Sharad Purnima 2025 शरद पूर्णिमा आज लक्ष्मी प्रसन्न करने के उपाय

शरद पूर्णिमा का पावन पर्व

शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं, हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है। यह वह पावन रात्रि है जब चंद्रमा अपनी पूर्ण कांति के साथ धरती पर अमृत बरसाता है। 2025 में यह पर्व अक्टूबर 10 को मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से घर में धन-धान्य की वर्षा होती है।

शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

चंद्र की अमृत वर्षा

पुराणों के अनुसार, इस रात चंद्रमा की किरणों में अमृत तत्व समाहित होता है। इसीलिए खुले आकाश में रखे खीर को प्रसाद रूप में ग्रहण किया जाता है।

मां लक्ष्मी का पृथ्वी भ्रमण

मान्यता है कि इस रात्रि को धन की देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो घर उन्हें प्रसन्न करता है, वहां सुख-समृद्धि स्थायी रूप से निवास करती है।

शरद पूर्णिमा 2025 के शुभ मुहूर्त

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 09 अक्टूबर 2025, सुबह 07:25 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर 2025, सुबह 09:48 बजे
  • चंद्रोदय समय: शाम 06:18 बजे (दिल्ली के अनुसार)
  • पूजा का श्रेष्ठ समय: सायं 07:00 बजे से 09:00 बजे तक

देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के विशेष उपाय

1. खीर का नैवेद्य

चावल और दूध से बनी खीर को चांदी के पात्र में बनाकर खुले आकाश में रखें। चंद्रमा की किरणों से पवित्र हुई इस खीर को प्रसाद रूप में वितरित करें।

2. लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ

इस मंत्र का 108 बार जाप करें:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः”

3. दीपदान की विधि

  • घर के मुख्य द्वार पर 11 दीपक जलाएं
  • दीपक में शुद्ध घी का प्रयोग करें
  • दीपक को तुलसी के पत्तों से सजाएं

4. धन-वर्षा का प्रतीक

चांदी के सिक्कों को गंगाजल से धोकर लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें। इससे धनागमन के योग बनते हैं।

शरद पूर्णिमा की विशेष पूजा विधि

  1. स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें
  2. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें
  3. लक्ष्मी यंत्र स्थापित कर उस पर कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं
  4. मां लक्ष्मी को सफेद पुष्प, अक्षत और मिष्ठान्न अर्पित करें
  5. लक्ष्मी चालीसा या स्तुति का पाठ करें
  6. आरती के बाद प्रसाद वितरण करें

शरद पूर्णिमा व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवताओं और दानवों ने समुद्र मंथन किया, तो इसी दिन मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। जो भक्त श्रद्धापूर्वक इस व्रत को करता है, उसके घर से दरिद्रता सदैव के लिए दूर हो जाती है।

सावधानियां एवं विशेष निर्देश

  • इस रात्रि को जागरण करने का विशेष महत्व है
  • किसी भी प्रकार का अपशब्द या कलह न करें
  • दान-पुण्य अवश्य करें (विशेषकर दूध, चावल या वस्त्र)
  • चंद्रमा को अर्घ्य देते समय चांदी के पात्र का उपयोग करें

आध्यात्मिक समृद्धि का पर्व

शरद पूर्णिमा केवल भौतिक समृद्धि ही नहीं, बल्कि आत्मिक शांति प्रदान करने वाला पर्व है। इस पावन अवसर पर मां लक्ष्मी की कृपा पाने हेतु श्रद्धा और विधि-विधान से पूजन करें। याद रखें, सच्ची समृद्धि वही है जो ईश्वर की कृपा से प्राप्त हो।

शरद पूर्णिमा 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं! मां लक्ष्मी आपके घर में सुख-शांति और समृद्धि की वर्षा करें।

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